कामशास्त्र

कामुकता का विज्ञान

कामसूत्र

वात्स्यायन ने कामसूत्र में मुख्यतया धर्म, अर्थ और काम की व्याख्या की है। उन्होने धर्म-अर्थ-काम को नमस्कार करते हुए ग्रन्थारम्भ किया है। धर्म, अर्थ और काम को 'त्रयी' कहा जाता है। धर्म परमार्थ का सम्पादन करता है, इसलिए धर्म का बोध कराने वाले शास्त्र का होना आवश्यक है।

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कामगीता

इसमें भगवान्‌ श्रीकृष्ण ने कामप्रोक्त एक प्राचीन गाथा का वर्णन किया है, जिसमें बाह्य पदार्थो के त्याग के स्थान पर उनमें ममत्व के त्याग को ही वास्तविक त्याग बताया गया है, जो महान्‌ भय से छुटकारा दिलाने वाला है।

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Krishjan
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